कला एवं संस्कृति
सांस्कृतिक परिसर सैक्टर 10
चण्डीगढ़ शहर इस क्षेत्र की सांस्कृतिक राजधानी है। अनेक कलाकार एवं लेखक चंडीगढ में रहते हैं। यहां पर समय-समय पर होने वाली प्रदर्शनियों और गायकों, नृतकों, संगीतकारों एवं अभिनेताओं द्वारा दी जाने वाली प्रस्तुतियों ने नगरवासियों में साहित्य के साथ-साथ दृश्य एवं प्लास्टिक कला में बेहतर प्रदर्शन करने की इच्छा जागृत की है।
ली-कार्बूजिए ने सैक्टार-10 के एक हिस्से को सांस्कृतिक परिसर के रूप में चिन्हित किया था, जिसमें एक दृश्य श्रव्य प्रशिक्षण संस्थान, एक संग्रहालय, एक कला दीर्घा और एक मिरेकल बॉक्स (जो कभी बन नहीं पाया), जिसे बाद में विज्ञान संग्रहालय के रूप में बदल दिया गया, का प्रावधान रखा।
वर्तमान में वहां राजकीय कला महाविद्यालय, राजकीय संग्रहालय एवं आर्ट गैलरी है, साथ ही अस्थायी प्रदर्शनियों के लिए एक मंडप है- जिसे अब सिटी म्यूजियम में बदल दिया गया है। मिरेकल बॉक्स को जीवन के विकास संग्रहालय में बदल दिया गया है, इसे ली-कार्बूजिए द्वारा डिजाइन नहीं किया गया, किंतु यह सांस्कृतिक परिसर में स्थित है। द थिएटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स को सैक्टीर-18 में श्री आदित्य प्रकाश द्वारा डिजाइन किए गए टैगोर थिएटर के रूप में स्थापित किया गया।
ललित कला, साहित्य एवं संगीत नाटक अकादमी सैक्टर-34
यह तीन संगठन क्रमशः कला, साहित्य, संगीत एवं नृत्य/नाटक को समर्पित हैं एवं संघशासित प्रदेश प्रशासन के समन्वय में कार्य करते हैं। इनका कार्यालय राज्य पुस्तकालय भवन, सैक्टंर- 34 में है। यह वर्षभर अनेक व्याख्यान, प्रदर्शनियां, नाटक एवं उत्स व आयोजित करते हैं।
प्राचीन कला केंद्र सैक्टर-35
यह केंद्र एक निजी प्रशिक्षण संस्थान है, जो हिंदुस्तानी गायकी एवं वाद्य संगीत, भारतीय शास्त्रीय नृत्यों में कथक एवं भरतनाट्यम तथा लोक नृत्य एवं गायन में स्नातक कोर्स करवाता है। प्राचीन कला केंद्र प्रति वर्ष मार्च माह में 1 सप्ताह का संगीत एवं नृत्य उत्सव आयोजित करता है। साथ ही प्रत्येक माह की 11 तारीख को एक बैठक का आयोजन करता है। यह कार्यक्रम देखने के लिए किसी प्रकार की टिकट नहीं होती, कोई भी व्यक्ति इसमें उपस्थित हो सकता है।